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चिकित्सा कानून

 

चिकित्साि व्यावसायिकों को सदैव रोगियों के हितकारी उपायों का चयन करना चाहिए। तथापि, स्वालस्य्ं सेवाओं की परिस्थितियां एवं स्थितियां जटिल स्वैरूप की होती हैं तथा किसी स्थिति में निर्णय ले पाना कठिन हो जाता है। मेडिको-‍लीगल मामलों की तेजी से बढ़ती हुई तादाद को ध्याोन में रखते हुए चिकित्साि व्या वसायिकों के लिए यह आवश्योक है कि वे अपने कृत्यों एवं निर्णयों से उत्पयन्नम हो सकने वाली कानूनी बाध्य ताओं को भी समझ लें । इसी प्रकार चिकित्साह विधि से संबंधित मामलों की देखरेख करने वाले कानून के क्षेत्र के व्याूवसायिकों को अपने वैयक्तिक विश्वा स के कारण स्वा स्य्ंध सेवा से संबंधित जटिल स्थितियों को समझ पाने में कठिनाई होती है। इसे ध्यातन में रखते हुए चिकित्साे तथा विधि क्षेत्र के व्याोवसायिकों के लिए अपने व्यायवसायिक कार्यों का निर्वाह सफलतापूर्वक करने के लिए चिकित्सास विधि के उद्देश्यों् को ज्ञान प्राप्तं कर लेना अत्यंित आवश्यिक हो गया है।

चिकित्सा् विधि का यह पाठ्यक्रम मेडिको-लीगल मार्गनिर्देशों, चिकित्सा आचार नीति, ऐतिहासिक निर्णयों तथा चिकित्सास लापरवाही से संबंधित न्यामयिक मामलों से बचाव एवं रक्षा के लिए प्रभावी कार्यनीति के निर्माण से संबंधित वैचारिक एवं व्या‍वहारिक दोनों प्रयोज्यकताओं का ज्ञान प्रदान करता है। इस पाठ्यक्रम का प्रमुख लक्ष्यन स्वाचस्य्वह सेवा के क्षेत्र से संबंधित जोखिमों एवं समस्यााओं के लिए विद्यार्थियों की स्वपतंत्र विचार शक्ति को जागृत करने में सहायता प्रदान करना एवं उन्हेंस संवेदनशील बनाना है।

अध्यतयन से प्राप्त होने वाले परिणाम

 
 

इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के पश्चाोत चिकित्सा व्यावसायिक एवं प्रशासक निम्नकलिखित के प्रति सक्षम बन सकेंगे:

  • रोजमर्रा के क्लीनिक व्यवहारों से संबंधित मेडिको-लीगल बाध्यताओं की पहचान कर पाना
  • चिकित्सा लापरवाही से संबंधित न्यासयिक मामलों से प्रभावपूर्ण ढंग से बचाव एवं रक्षा के लिए कार्यनीति का उपयोग

इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के पश्चांत विधिवेता निम्नमलिखित के प्रति सक्षम हो सकेंगे:

  • डाक्टरों तथा अस्पतालों को विभिन्न मेडिको-लीगल स्थितियों के लिए परामर्शी सेवाएं प्रदान करना।
  • न्यारयालयों में चिकित्साप मामलों में लापरवाही से संबंधित मामलों से सम्बद्ध होकर अपनी विधिक प्रेकक्टिस में सुधार कर पाना।

पाठ्यक्रम की रूपरेखा

 
 
  • माड्यूल 1 – चिकित्साक विधि की रूपरेखा
  • माड्यूल 2 – चिकित्साक आचारनीति की रूपरेखा
  • माड्यूल 3 – चिक्तिसा व्यामवसायिकों एवं रोगियों के अधिकार तथा कर्त्तकव्य्
  • माड्यूल 4 – चिकित्सीकय रिकार्ड
  • माड्यूल 5 – चिकित्सीकय गोपनीयता की भूमिका
  • माड्यूल 6 – सूचित सहमति
  • माड्यूल 7 – चिकित्सीकय लापरवाही की समीक्षा
  • प्रमाणन परीक्षा/ मूल्यांकन

CERTIFICATION

 

Honors Badge

यह पाठ्यक्रम किसके लिए है?

  • डाक्टर
  • नर्स
  • अस्पताल प्रशासक
  • वकील
  • विधि विद्यार्थी
  • रोगी
  • स्वास्य्सा सेवा उद्योग में कार्यरत व्यवसायी
  • इस पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए आपका वकील अथवा डाक्टर होना आवश्यक नहीं है।

स्तर: प्रारम्भिक

भाषा: हिन्दी

अवधि: 6 महीने

मूल्यांवकन विधि

प्रत्येक माड्यूल के अंत में अनौपचारिक प्रश्नों एवं नियत कार्यों के माध्‍यम प्रगति का परीक्षण किया जाएगा। पाठ्यक्रम के अंत में परीक्षा आयोजित की जाएगी तथा पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्राप्त‍ करने के लिए विद्यार्थियों को कम से कम 50% अंक प्राप्तय करने होंगे।

लेखक परिचय

डा. वी.पी. सिंह दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मेडिकोलगल विशेषज्ञ और एसोसिएट प्रोफेसर (फॉरेंसिक मेडिसिन) हैं। वह चिकित्सा और कानून दोनों में योग्य है। उसने अपना एमबीबीएस किया और जीएमसी पटियाला और एलएलबी से फॉरेंसिक मेडिसिन में एमडी। यूआईएलएस, पंजाब विश्वविद्यालय से। उन्होंने चिकित्सा कानून और हेल्थकेयर गुणवत्ता प्रबंधन, पीजीडी मेडिको-कानूनी प्रणाली में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। डॉ सिंह ने एक पुस्तक में योगदान दिया है, "मेडिकल प्रैक्टिस में कानूनी मुद्दे, सुरक्षित अभ्यास के लिए मेडिको-कानूनी दिशानिर्देश"।

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