Enquire Now!

अपनी सम्पति का पंजीकरण कैसे करें?

 

भारत में, जहाँ एक बड़ी संख्या में दोस्तों तथा रिश्तेदारों के भीतर संपति का लेन-देन होता है, अधिकतर लोग अपनी नई स्वामित्व सम्पतियों के अनिवार्य पंजीकरण को आवश्यक नहीं मानतें हैं। अधिकतर मामलों में, लोग इसे देरी से करते हैं, कभी-कभी खरीद के महीनो अथवा वर्षों बाद। इसलिए, बड़ी संख्या में स्वामित्व विवाद उत्पन्न होते हैं, कई बार अवैध कब्जों अथवा गैर-क़ानूनी बिक्री के कारण। जहाँ कुछ संपति मालिक स्वयं से संपति का पंजीकरण करते हैं, बहुत से अन्य उनके इस कार्य को करने के लिए वकील नियुक्त करतें हैं। चाहे आप एक संपति खरीदने वालें हो अथवा वकील, आपके लिए किसी भी विवाद के मामले में, संपति का पंजीकरण करने की प्रक्रिया तथा निवारण तंत्र को समझना महत्वपूर्ण है।

यह पाठ्यक्रम आपको संपति के पंजीकरण की चरण-दर-चरण प्रक्रिया के साथ क़ानूनी सरंचना तथा लाभों के विश्लेषण को प्रदान करने का प्रयास करता है। यह आपको क़रार तैयार करने के प्रारूपों तथा बिक्री क़रार, संपति खरीदने के दौरान अपनाने वाली सावधानियाँ, मामलों के अध्ययन तथा उदाहरणों सहित, ई-संपति पंजीकरण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी, भी प्रदान करता है, ताकि आप उन्हें, जिन्हें संपति पंजीकरण तथा स्वामित्व से सम्पब्धित सलाह की आवश्यकता हो, को आवश्यक जानकारी प्रदान करने तथा परामर्श देने में सक्षम हों।

पाठ्यक्रम का परिणाम

 
 

इस पाठ्यक्रम के समाप्त होने पर, आप सक्षम होंगें:

  • संपति पंजीकरण के लाभों की समझना
  • संपति के पंजीकरण पर भारतीय कानून का विश्लेषण
  • संपति पंजीकरण की प्रक्रिया पर समझ तथा परामर्श

पाठ्यक्रम की रूपरेखा

 
 
  • मोड्यूल 1 – संपति कानून का परिचय
  • मोड्यूल 2 – संपति पंजीकरण
  • मोड्यूल 3 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
  • प्रमाणपत्र परीक्षा / मूल्यांकन

CERTIFICATION

 

Honors Badge

किसको यह पाठ्यक्रम लेना चाहिए?

  • अचल संपति के खरीदार तथा विक्रेता
  • रियल एस्टेट (अचल संपति) सलाहकार
  • वकील
  • कानून छात्र तथा शोधकर्ता
  • भारत में अचल संपति में रूचि रखने वाले अन्य हितधारक
  • इस पाठ्यक्रम को लेने के लिए आपको वकील या चिकित्सक नहीं होना चाहिए।

स्तर: शुरुआत

भाषा: हिन्दी

अवधि: 6 महीने

आंकलन विधि

पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए, पाठ्यक्रम के अंत में शिक्षार्थी का सभी असाइनमेंट्स का जमा करवाना तथा प्रमाण पत्र परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित करना अनिवार्य है।

लेखक के बारे में

रोहिणी रंगाचारी कार्निक ने अपनी क़ानूनी शिक्षा लॉ फैकल्टी, दिल्ली विश्वविध्यालय से 2001 में की थी। उन्होंने यूरोपीय व्यापार कानून में अपनी स्नातकोत्तर एक्स-एन-प्रोवेंस, फ्रांस से 2002 में की थी। स्नातक होने के बाद, उन्होंने स्टुटगार्ट में समर इंटर्नशिप किया था तथा दुआ एसोसिएट्स में कानून का अभ्यास करने के लिए, 2004 में दिल्ली लौटने से पूर्व इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स पेरिस में कार्य किया था। दिल्ली में, उन्होंने कॉर्पोरेट कानून तथा मुकदमेबाजी के क्षेत्र में कार्य किया, मुख्य रूप से मध्यस्थता तथा बौद्धिक संपति अधिकारों पर ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने दिल्ली में जे. सागर एसोसिएट्स तथा दत्त तथा मेनन के साथ कार्य किया तथा मनुपात्रा के साथ कुछ पत्रिकाओं के संपादक के रूप में कार्य किया जिनमें कम्पटीशन लॉ रिपोर्ट्स तथा बौद्धिक संपति कानून रिपोर्टर शामिल हैं। अब वह दिल्ली विश्वविध्यालय में सेंट. स्टीफेंस तथा दौलत राम कॉलेज में फ्रेंच पढ़ाती हैं।

Learners who viewed in this course, also viewed:

Let’s Start Chatbot