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साक्ष्य अधिनियम: एक अंतः विषय दृष्टिकोण

 

वह दिन चले गए जब किसी मामले को सुलझाने के लिए, अपराध स्थल पर किसी हथियार को एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में माना जाता था। सत्य अथवा असत्य साबित करने के लिए, यदि आरोपी अपराधी है अथवा नहीं, सबूत के टुकड़े में निहित शक्ति ही है जो वकीलों तथा आम जनता के लिए इसकी प्रकृति के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण है। अधिकतर वकील मानना है कि ‘’सबूत ढूँढना’’ एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। यह जानना भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि क्या सबूत के रूप में कार्य करता है तथा सबूत को न्यायलय में किस प्रकार प्रस्तुत तथा निरिक्षण करतें हैं।

यह पाठ्यक्रम आपको उन जानकारियों की प्रकृति को, जिन्हें क़ानूनी प्रक्रियाओं के दौरान प्रस्तुत किया जा सकता है, के निर्धारण के लिए, साक्ष्य अधिनियम में प्रदान किये गए नियमों तथा सीमाओं को समझने में मदद करेगा। यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर ज़ोर डालता है तथा उसे एक नींव के रूप में देखता है जिस पर कार्यवाही तथा आगे के निरिक्षण पर चर्चा की जाती है। वकीलों तथा शिक्षार्थियों को इस पाठ्यक्रम से मदद मिलेगी क्योंकि यह उन्हें सबूत ढूंढने से ले कर निरीक्षण तक, चरण-दर-चरण प्रक्रिया प्रदान करता है, उन्हें कार्यवाही के साथ बेहतर प्रकार से वाकिफ होने में मदद करता है।

पाठ्यक्रम का परिणाम

 
 

इस पाठ्यक्रम के समाप्त होने पर, आप सक्षम होंगें:

  • सबूत क्या है, सबूत के मूल कानूनों तथा उनके प्रकारों को जानने में
  • न्यायलय में सबूत की स्वीकार्यता के मुद्दे को समझना
  • सिविल तथा आपराधिक मुकदमों में सबूत दायर करने की प्रक्रिया का वर्णन
  • न्यायलय के समक्ष दायर करने के लिए सबूत का मसौदा तैयार करना

पाठ्यक्रम रूपरेखा

 
 
  • मोड्यूल 1 – सबूत का परिचय
  • मोड्यूल 2 – न्यायलय में सबूत की स्वीकार्यता
  • मोड्यूल 3 – सिविल मुकदमों में मुख्य सबूत
  • मोड्यूल 4 – आपराधिक मामलों में मुख्य सबूत
  • प्रमाणपत्र परीक्षा/मूल्यांकन

CERTIFICATION

 

Honors Badge

किसे यह पाठ्यक्रम लेना चाहिए?

  • वकीलों
  • क़ानूनी सलाहकारों तथा परामर्शदाता
  • क़ानूनी छात्रों तथा शोधकर्ताओं
  • भारत में, न्यायलय में सबूत दायर करने की प्रक्रिया को सीखने के इच्छुक अन्य हितधारको को।

स्तर: शुरुआत

भाषा: हिंदी

अवधि: 6 महीने

आंकलन विधि

पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए, पाठ्यक्रम के अंत में शिक्षार्थी का सभी असाइनमेंट्स का जमा करवाना तथा प्रमाण पत्र परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित करना अनिवार्य है।

लेखक के बारे में

गौरव दुबे, साथी, दुबे और एसोसिएट्स, उनके नाम पर कोर्टरूम कार्रवाई के एक दशक से भी अधिक समय तक हैं। वह दिल्ली और पंजाब उच्च न्यायालयों में पार परीक्षाओं के लिए विशेष संबंध रखता है। वह अपने परिवार के साथ नयी दिल्ली में रहतें हैं तथा दुबे एंड एसोसिएट्स क़ानूनी फर्म के सह संस्थापक है।

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